PUBG खेलने की लत जुआ खेलने की लत से भी ज़्यादा खतरनाक होती जा रही है! यह गेम चाहे बच्चे हो या जवान सभी के सर पे परवान चढ़के बोल रही है! भारत में कुछ समय पहले, दिल्ली के दो भाइयों – ने गेमिंग कंसोल को इस तरह से अपनी ज़िन्दगी में घुसा लिया था कि वे खाना खाना, नहाना या यहां तक कि बाथरूम जाना भी भूल गए थे और आखिर में उन्हें ठीक होने के लिए एक रिहैबिलिटेशन सेंटर में भेजना पड़ा था।
गेमिंग की दुनिया में तीन साल एक लंबा समय है, लेकिन लोगो ने आज भी उस घटना से कुछ नहीं सीखा है और इस गेम में चंगुल में धसते जा रहे है। आये दिन स्मार्टफ़ोन सस्ते और बेहतर होते जा रहे है जिससे हमें सुविधा हो सके, लेकिन लोग ये बात समझते नहीं है और इस सुविधा को उन्होंने आड़े हाथ लिया और मोबाइल गेमिंग की दुनिया में घुस गए और अब हाल ये है की लाखों भारतीय युवा अब प्लेयर-अननोन बैटलग्राउंड (PUBG) जैसी गेम के आदि हो चुके हैं।
कुछ साल पहले की जो घटना हमने आपको बताई उसके बाद 2019 में फिर एक ऐसी घटना सामने आयी है जिसमे छह घंटे के लिए PUBG खेलने के बाद, मध्य प्रदेश के नीमच में रहने वाला एक छात्र जिसका नाम फुरकान कुरैशी था और वह बारहवीं कक्षा में पढता था और उसकी उम्र 16 वर्ष थी! इस छात्र को पिछले हफ्ते एक कार्डियक अरेस्ट हुआ और उसने दम तोड़ दिया और अपनी जान गंवा दी।
PUBG के आफ्टर-इफेक्ट्स का इलाज करने वाले कार्डियोलॉजिस्ट ने अब भारत में अधिक बच्चों के जीवन को खतरे में डालने से पहले सरकार से इस गेम के नशे की लत को खत्म करने का आग्रह किया है। इन कार्डियोलॉजिस्ट का कहना था, “वह स्वस्थ दिल वाला एक युवा लड़का था। वह एक तैराक था और दिल से जुडी कोई भी बीमारी नहीं थी उसे। गेम खेलते हुए चिंता, क्रोध और हार्मोन ने गहरे सदमे की स्थिति पैदा कर दी थी। डॉ ने बताय, “वह बिना पल्स के लाया गया था। हमने उसे फिर से जीवित करने की कोशिश की लेकिन हम नहीं कर सके।”
एक दक्षिण कोरियाई वीडियो गेम कंपनी ब्लूहोल द्वारा विकसित और 2017 में लॉन्च किया गया, “survival of the fittest” विचार, बैटल युद्ध का खेल 227 मिलियन गेमर-बेस इकट्ठा करने के लिए सही साबित हुआ था, लेकिन इसकी नशे की लत के कारण ये बदनाम भी हो गया था। इन-गेम टॉकिंग फीचर के साथ, PUBG दुनिया भर के अजनबियों और दोस्तों को दुश्मनों को मारने और मिशन विजेताओं के रूप में उभरने के लिए कनेक्ट करता है।
अक्टूबर 2018 में, एक 19 वर्षीय दिल्ली के लड़के को अपने माता-पिता और बहन की हत्या करने के लिए गिरफ्तार किया गया था, क्योंकि उन्होंने उसकी जीवन शैली को मंजूरी नहीं दी थी, क्युकी वह लड़का गुप्त रूप से किराए के कमरे में अपने साथियों के साथ PUBG खेलता था।
मई में भी एक हादसा निकालके सामने आया था, जहाँ एक 19 वर्षीय अहमदाबाद की लड़की ने एक वर्षीय बच्चे के साथ विवाह किया था, क्योंकि उसके पति ने उससे PUBG गेम में डूबे रहने के कारण तलाक की मांग की थी!
“हम सभी माता-पिता और साथ ही सरकार से इस तरह की गेम्स के खिलाफ सख्त कदम उठाने का अनुरोध करता हूं। न केवल PUBG जैसे खेल किशोरों के मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक विकास में बाधा बन रहे हैं बल्कि अब जीवन के लिए खतरा भी बन रहे हैं। यह चौंकाने वाली और खतरनाक बात है।” हाल के अध्ययनों से पता चलता है कि चार में से तीन भारतीय गेमर्स दिन में कम से कम दो बार मोबाइल गेम खेलते हैं, औसतन हर दिन 60 मिनट से अधिक। और सिर्फ भारतीय ही नहीं बल्कि विदेशो में भी ऐसी गेम्स को लेकर यही हाल है!
World Health Organisation (WHO) के अनुसार, गेमिंग में भाग लेने वाले लोगों को गेमिंग गतिविधियों पर खर्च किए जाने वाले समय के साथ-साथ उनके शारीरिक या मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य और सामाजिक कार्यप्रणाली में होने वाले किसी भी बदलाव के प्रति सतर्क होना चाहिए। यह बताते हुए कि इससे बच्चो के मानसिक विकास और उनकी पढ़ाई पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है, गुजरात राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने जनवरी में राज्य सरकार को एक पत्र जारी कर PUBG पर प्रतिबंध लगाने की मांग की। राज्य ने केंद्र से ऑनलाइन गेम पर प्रतिबंध लगाने की कार्यवाही शुरू करने का भी आग्रह किया। गेम, जो कथित रूप से गेमर्स में आक्रामक व्यवहार को बढ़ावा देता है और हिंसा को बढ़ावा देता है, नेपाल और इराक में प्रतिबंधित कर दिया गया है।
PUBG की मूल कंपनी में शेयर रखने वाली चीनी कंपनी Tencent ने चीन में PUBG को खत्म कर दिया, इसकी जगह “हेपिंग जिंगिंग” या “गेम फॉर पीस” नामक एक आतंकवाद विरोधी थीम वाले कम हिंसक गेम को लागू किया। हालांकि, कुछ ऐसे भी लोग हैं जो PUBG को प्रतिबंधित नहीं करना चाहते हैं। कुछ लोगो ने कहा की फुरकान के साथ जो हुआ, उसने हम सभी को स्तब्ध कर दिया है। और वो नहीं चाहते कि खेल पर प्रतिबंध लगाया जाए क्योंकि यह एक अच्छा स्ट्रेस बस्टर है, लेकिन हम अपने खेल के घंटे को सीमित करने की पूरी कोशिश करेंगे। और हमारा मानना है की अगर देश में ऐसी गेम्स को बंद नहीं किया गया तो हो सकता है की आगे भी ऐसे हादसे होते रहे!
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