पूरा भारत मार्च से लॉकडाउन की स्थिति को झेल रहा है, और हमारे PM मोदी जी ने अब लॉकडाउन 4.0 तक का एलान कर दिया है जो की 18 मई से लागू होगा! और सभी जानते है की इस लॉकडाउन की मार सबसे ज़्यादा गरीब पर पड़ रही है। देश में लॉकडाउन के दौरान सभी काम बंद कर दिए गए थे, और सार्वजानिक परिवहन भी उनमे से एक है! ऐसे में टैक्सी ड्राइवर पर ये लॉकडाउन केहर बनके बरसा है और उनकी कमाई का जरिया लगभग शून्य हो गया है।
ऐसे ही एक खबर निकलके सामने आयी है जहा एक केरल के एर्नाकुलम इलाके में रहने वाला एक आदमी जो की पेशे से टैक्सी ड्राइवर है, उसने अब अपने परिवार की रोजी रोटी के लिए मास्क बेचना शुरू कर दिया है, क्युकी टैक्सी का कारोबार बंद होने के कगार पर हो गया था। अब जब तक कोरोना की स्तिथि काबू में नहीं हो जाती और टैक्सी का धंधा दुबारा अपने ज़ोरो पर नहीं होता इन्होने तब तक मास्क बेचके अपनी आजीविका कमाने का प्रण ले लिया है।
पिछले 50 दिनों से भारत में लॉकडाउन जारी है और टैक्सी, ट्रेन और प्लेन सब सुविधा पर सरकार द्वारा रोक लगादी गयी है! इससे टैक्सी ड्राइवर लगभग बेरोजगार से हो गये है, इसी लिए सब कुछ न कुछ नयी कमाई का साधन ढूंढ रहे है, जिसके लिए इस टैक्सी ड्राइवर ने फेस मास्क बेचना ही शुरू कर दिया। अब ज़ाहिर सी बात है की कुछ बेचने के लिए दुकान का होना भी ज़रूरी है इसलिए इन्होने अपनी कार को ही चलती फिरती दुकान बना डाला है।
सूत्रों की माने तो इस टैक्सी ड्राइवर का नाम है जिजो! इसे अपने परिवार के सदस्यों का पेट भरने और अपनी कार की EMI भरने के लिए पैसो की सख्त ज़रूरत थी जो की हर महीने अदा करने होते है। इसके अलावा घर का किराया और भी खर्चे का बोझ उन्ही के कंधो पर है, ऐसे हालात में उन्हें पता था की मास्क बेचना सबसे सही रहेगा क्युकी इससे समाज का भला भी होगा और पुलिस भी उन्हें नहीं रोकेगी और आज कल मास्क की डिमांड भी बहुत ज़्यादा है।
देश की कई जगहों पर सरकार ने टैक्सी सर्विस जैसे ओला और उबर को हरी झंडी दिखा दी थी लेकिन सिर्फ ग्रीन जोन में, रेड जोन में अभी भी टैक्सी सर्विस पर रोक जारी है। यही वजह है की लॉकडाउन की मार प्राइवेट टैक्सी वाहको पर ज्यादा पड़ रही है।