गर्मियों ने पूरे देशभर में दस्तक दे दी है और गर्मिया आते ही लोगो के मन में तरह तरह के सवाल उठने लगे है! जहाँ सारे देश में लॉकडाउन को प्रधान मंत्री द्वारा आगे बढ़ा दिया गया है ताकि कोरोना वायरस अपना प्रचंड रूप ना दिखा सके वही लोगो को यह लगने लगा है की कार या घर का AC चलने से कोरोना का संक्रमण बढ़ जाएगा! एक इंटरव्यू में दिल्ली स्थित एम्स के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने उन ऐसे सवालों के जवाब दिए हैं!
क्या AC चलाने से कोरोना के फैलने का खतरा होता है?
इस सवाल पर डॉक्टर ने जवाब दिया और कहा कि AC चलाने से तब खतरा बढ़ सकता है जब उस कमरे में क्रॉस वेंटिलेशन हो! जिसके घर में स्प्लिट एसी या विंडो एसी लगा है तो उस कमरे की हवा उसी कमरे तक सीमित रहेगी, लेकिन सेंट्रल एसी में ऐसा नहीं है, सेंट्रल ऐसी से संक्रमण का खतरा फैल सकता है जो ज़्यादातर होटलो में लगा होता है! इसलिए घरो के एसी या कार में एसी चलाने से कोई दिक्कत नहीं है!
असल में सेंट्रल एसी की हवा सभी कनेक्टेड कमरों में जाती है और अगर किसी दूसरे कमरे में कोई ऐसा व्यक्ति है जिसे इंफेक्शन है और वह खांस रहा तो इससे संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है क्युकी एसी की हवा एक कमरे से दूसरे कमरे में जा सकती है! लेकिन अगर इसके विपरीत आपके घर नॉर्मल एसी है या फिर आप अपनी कार में ऐसी चला रहे है तो उसे चलाने में डरने की कोई बात नहीं है!
डॉक्टर ने कहा की जैसे-जैसे गर्मी का प्रकोप बढ़ेगा वैसे डॉक्टरों को कोरोना के मरीजों का इलाज करने में और मुश्किलें आती जाएगी क्युकी ज्यादातर हॉस्पिटल में सेंट्रल ऐसी लगा है और अब इसे बदला जा रहा है क्युकी जिन जिन हॉस्पिटल में कोरोना के मरीज भर्ती हो रहे हैं वहां अब लोग सेंट्रल एसी बंद करके विंडो एसी लगा रहे हैं!
सभी डॉक्टर्स जिनकी ड्यूटी लगी है के वो कोरोना मरीजों का इलाज करेंगे, वह सभी डॉक्टर और नर्स वगैरह पीपीई किट पहनते हैं. गर्मीयो में इसे पहन कर मरीज देखने में दिक्कत होती है इसलिए ऐसी को चलना ज़रूरी होता है इसलिए विंडो एसी लगाना बहुत जरूरी है!