अगर आपको भी पिछले कुछ दिनों में एक ऐसा मैसेज आया है की TikTok की वापसी हो चुकी है वो भी TikTok Pro के रूप में, तो हम आपको बतादे की यह समय है आपके थोड़े संभलने का। हम सभी को पता है की भारत में सरकार द्वारा हाल ही टिकटोक को मिलकर 59 चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगाया था! बैन के बाद से ही ऐसे लोग जो आपका स्कैमर कहलाते है उन्होंने लोगो को व्हाट्सएप और SMS के जरिये एक डाउनलोड लिंक का मैसेज भेजना शुरू कर दिया जिसमे टिकटोक प्रो नामक ऐप को डाउनलोड करने के लिए कहा जा रहा था।
प्राप्त हुई रिपोर्टों के अनुसार, ऐसा कहा जा रहा है की TikTok Pro ऐप लिंक आपके मोबाइल में एक मैलवेयर डाउनलोड करता है और आपके मोबाइल के बैकग्राउंड में चलता रहता है जिससे वह आपका डाटा चुरा सके। अगर आपको भी ऐसा मैसेज कभी प्राप्त हुआ है और आपने इस App को इनस्टॉल कर लिया है, तो आपको थोड़ी सतर्कता बरतनी चाहिए और इस App को तुरंत डिलीट कर देना चाहिए!
एक रिपोर्ट में सामने आया की महाराष्ट्र साइबर सेल के अधिकारियों ने इस नकली ऐप से बचने के लिए और सावधानी बरतने के लिए यूज़र्स को समय पर सचेत किया था, क्युकी यह ऐप यूज़र्स के स्मार्टफोन में स्पाइवेयर जैसी फ़ाइल होस्ट तक पहुँचता है जिससे आपका डाटा चोरी किया जा सकता है। हालांकि उन्होंने कहा की अभी तक टिकटोक प्रो के बारे हमे ज़्यादा जानकारी हाथ नहीं लगी है। इस ऐप की जानकारी हमे ट्विटर उपयोगकर्ताओ से मिली है जिन्होंने बताया था की TikTok Pro को डाउनलोड करने के बाद इस ऐप ने उनके फोन से कैमरा और माइक्रोफ़ोन के लिए अनुमति ली है।
देखा जाए तो TikTok Pro आपको गूगल प्ले स्टोर में नहीं मिलेगा जहा सारी एंड्राइड ऐप को ऑफिशियली रखा जाता है! अपराधी इसकी APK फाइल को थर्ड पार्टी डाउनलोड स्रोत से भेज रहे हैं, जैसे व्हाट्सएप और sms. यही एक संकेत है की आप इस ऐप पर भरोसा नहीं कर सकते। इसे डाउनलोड करने वाले लोगो ने यह बताया की इस ऐप को अपने फोन में इनस्टॉल करते ही इस ऐप ने हमारे सभी कॉन्टेक्ट्स को अपने आप ही मैसेज भेजा जिसमे लिखा था की आप टिकटोक प्रो ऐप को डाउनलोड करिये। इससे साफ़ ज़ाहिर होता है की इस ऐप को बनाने का क्या मक़सद रहा होगा!
#ScamAlert⚠️ I Beware of #TikTok Pro Scam! If you’ve received any message to download TikTok, delete the message and don’t click on any link. #CyberPeace #CyberSecurity pic.twitter.com/IhFhaJxBTm
— CyberPeace Corps (@cyberpeacecorps) July 7, 2020